Thought Glue
Thursday, 6 June 2019
ज़िन्दगी
ये छोटी छोटी हसरते,
ये छोटे छोटे ग़ुरूर,
ये सुरूर है ज़िंदगी का जनाब,
कभी मजबूर, कभी मगरूर।
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