Monday, 26 November 2018

Fragrance

A bit of fragrance always clings to the hand that gives you roses.

Tuesday, 30 October 2018

Inevitable

God grant me the serenity

To accept the things I cannot change,

The courage to change the things I can;

And the wisdom to know the difference.


Dr Reinhold Niebuhr

Saturday, 18 August 2018

मैं अभी चला नही

अभी अस्त हुआ नही,
अभी तृप्त हुआ नही।।

जब दिखा अनंत अंत,
हुआ शुरू वही कही।।

तुम रुके रुके से हो,
मैं अभी चला नही।।

सांझ कुछ ढली सी है,
मैं अभी ढला नही।।

ज्ञान से ही ज्ञान को,
ढूंढ़ता चला यू ही कहीं।।

तुम रुके रुके से हो,
मैं अभी चला नही।।

खत्म सा सफर हुआ,
समझ लिया पड़ाव ही।।

आशाओं के मोड़ पर,
शुरू नया सफर यू ही।।

तुम रुके रुके से हो,
मैं अभी चला नही।।

Wednesday, 15 August 2018